!!!! जय श्री राधे राधे !!!!
*मन लगता हैं वृन्दावन मे, मधुबन मे मोहे जला देना ।*
*मेरी राख कहीं बरबाद न हो यमुना मे जाय बहा देना ।*
*ये गोदी तकिया पलंग सभी नीचे से मेरे हटा देना*
*गोबर से भुमि लीप कर उस पर मुझे लिटा देना।।*
*ये भाई बंधु कुटुम्ब सभी मतलब के हे ये सब साथी ।*
*इनसे तो नाथ दया करके मेरे मोह का फन्द छुड़ा देना।।*
*जब प्राण सुधा तन से निकले दस सज्जन पास बुला देना ।*
*धीरे से नाम प्रभु मंत्र का कानों में मेरे सुना देना।।*
*तुलसी की माला पहना कर के गंगाजल नीर पिला देना ।*
*गीता का पाठ सुना करके, भव सागर पार लगा देना ।।*
* मन लगता है वृंदावन मे---**-------------*
*मन लगता हैं वृन्दावन मे, मधुबन मे मोहे जला देना ।*
*मेरी राख कहीं बरबाद न हो यमुना मे जाय बहा देना ।*
*ये गोदी तकिया पलंग सभी नीचे से मेरे हटा देना*
*गोबर से भुमि लीप कर उस पर मुझे लिटा देना।।*
*ये भाई बंधु कुटुम्ब सभी मतलब के हे ये सब साथी ।*
*इनसे तो नाथ दया करके मेरे मोह का फन्द छुड़ा देना।।*
*जब प्राण सुधा तन से निकले दस सज्जन पास बुला देना ।*
*धीरे से नाम प्रभु मंत्र का कानों में मेरे सुना देना।।*
*तुलसी की माला पहना कर के गंगाजल नीर पिला देना ।*
*गीता का पाठ सुना करके, भव सागर पार लगा देना ।।*
* मन लगता है वृंदावन मे---**-------------*
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