*सन्त जन कहते हैं कि इस संसार मे कई प्रकार के भक्त हैं।जो भगवान से प्रेम, उनके भक्तों से मित्रता, दुखी पर कृपा और भगवान से द्वेष करने वालों की उपेक्षा करते हैं, वे मध्यम कोटि के भक्त हैं।*
*जो भगवान की पूजा तो श्रद्धा से करता है परंतु भगवान के भक्तों या दूसरों की सेवा नहीं करता है वह साधारण श्रेणी का भगवद्भक्त है।*
*जो प्रतिकूल विषयों से द्वेष नहीं करता और अनुकूल विषयों के प्राप्त होने पर हर्षित नहीं होता वही उत्तम भागवत है। ऐसे भक्त के हृदय को श्री हरि क्षण भर के लिए भी नहीं छोड़ते हैं। क्योंकि उसने प्रेम की रस्सी से प्रभु के चरण कमलों को बाँध रखा है।*
*जय श्री कृष्णा*🙏🙏
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