आषाडी(देवशयनी) एकादशी के दिन लाखो श्रद्धालु भक्त भूवैकुण्ठ श्रीपंढरपुर धाम में श्रीविट्ठल(श्रीकृष्ण) का दर्शन करने आए है | सैकडो वर्ष पुरानी इस परम्परा का निर्वाह करते हुए ,ये भक्त महाराष्ट्र के विभिन्न प्रान्तो से कभी बरसात कभी कडी धूप कि परवाह किए बिना हरिनाम में उन्मत्त होकर नाचते गाते पैदल (दिंडी) यात्रा करते हुए पंढ़रपुर पहुँचते है.. जिसमे इन्हे लगभग 18 दिन लग जाते है.. 18 दिन कि यात्रा कर वे लगभग 18 घंटे विट्ठल भगवान के चरणकमलों का दर्शन करने दर्शन कि लाईन में लगते है.. और फिर मंदिर गर्भगृह में पहुँच कर अपने प्रिय विट्टल भगवान का उन्हे मुश्किल से 18सैकेंड का दर्शन हो पाता है... परन्तु वो 18 सैकेंड के दर्शन सुख का वर्णन शब्दों में कर पाना कठिन है.. उस परमसुख का दर्शन तो श्रीपंढरपुर धाम में आ कर हि किया जा सकता है | "
-🌹Hari Hari bol 🌹
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