Tuesday, July 31, 2018

महात्मा गांधी की मृत्यु से पहले ली गयी ये तस्वीरें अाप ने आज से पहले कभी नहीं देखी होंगी

 महात्मा गांधी की कुछ ऐसी तस्वीरें ले कर आ रहा हुं जो अपने कभी भी नहीं देखी होंगी.

आप सभी लोगो ने रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में बहुत बार सुना होगा पर अपने कभी भी नहीं देखा होगा की वो आखिर दीखते कैसे होंगे तो दोस्तों आप सभी की जानकारी के लिए बता देता हुं की महात्मा गाँधी के साथ जो बैठे है वो रवींद्रनाथ टैगोर जी ही है. इसलिए जिसने भी इन्हे नहीं देखा है वो एक बार ज़रूर देख ले.


महात्मा गाँधी जी के साथ जो बैठे है वो है सुभाष चन्द्र बोस, अापने भी इनके बारे में बहुत कुछ सुना होगा पर कभी भी देखने का मौका नहीं मिला होगा. तो दोस्तों मैने सोचा की क्यों न आप सभी को हमारे देश के बापू जी के साथ मिलवाया जाए और उनकी कुछ अनदेखी तस्वीरें आपको दिखाई जाए.


महाराष्ट्र के एक आश्रम में महात्मा गाँधी जी खाना खाते हुंए दिखाए गए है यहाँ पर एक लड़की की शादी हो रही थी जिसमे गाँधी जी खाना खाने के लिए पहुंचे थे. आप सभी तो जानते ही है की गाँधी जी ने हमारे देश की आज़ादी के लिए कितना ज्यादा संघर्ष किया था.



ये तस्वीर राजकोट के एक आश्रम की है जहाँ पर गाँधी जी बीमारी की हालत में आराम कर रहे थे और वहा पर कुछ आदमी उनकी सेवा कर रहे थे. भारत का हर एक नागरिक इस बात को तो जनता ही है की भारत की आज़ादी के लिए गाँधी जी का कितना बड़ा योगदान रहा है. और उनकी कुर्बानी कितनी ज्यादा रही है.

ये तस्वीर है महाराष्ट्र के एक सेवाग्राम आश्रम की जहाँ पर गाँधी जी खड़े है और धुप ज्यादा होने के कारण उन्होंने अपने सर के ऊपर तकिया रखा हुंआ है ताकि वह धुप से बच सके. और इस तरह गाँधी जी ने इतनी उम्र होने के बाद भी हमारे देश के लिए संघर्ष किया था और आज़ाद करवाया था.



ये तस्वीर मुंबई के बिरला हाउस की है जहाँ पर गाँधी जी अपना वजन कर रहे थे की उनका वजन कितना है. पर दोस्तों सोचने वाली बात है ऐसा शरीर ले कर भी गाँधी जी ने आज़ादी की लड़ाई लड़ी है ये बात तो सोचने वाली है.



ये तस्वीर 1938 में ली गयी थी जब गाँधी जी की कार रास्ते में धंस गयी थी और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कार को धक्का लगा कर यहाँ से बाहर निकाला था. और फिर गांधी जी की कार यहाँ से बाहर निकल पायी थी फिर इन्होंने अपनी कार को यहाँ से बाहर निकाला था.



ये तस्वीर उस समय की है जब हमारे देश को आज़ाद करवाने के लिए गाँधी जी पूरी मेहनत कर रहे थे और देश की आज़ादी के लिए दान इक्कठा कर रहे थे ताकि हमारे देश को आज़ादी के लिए जो भी ज़रूर समान है वो आराम से ख़रीद सके और हमारा देश आराम से आज़ाद हो सके.

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