भारतीय इतिहास में एक और रेप और हत्या का मामला 1996 में सामने आया। 25 साल की प्रियदर्शिनी मट्टू दिल्ली में कानून की पढ़ाई कर रही थी जिसका सतोष कुमार सिंह नामके शख्स ने उसी के घर में बलात्कार करके उसकी हत्या कर दी थी।
इस केस में भी स्थानीय अदालत ने संतोष कुमार सिंह को बरी कर दिया था लेकिन मीडिया के दबाव के चलते दिल्ली हाई कोर्ट ने स्थानीय अदालत के फैसल पर रोक लगाते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई।
माना जा रहा है कि किसी कोर्ट का यह पहला फैसला था जिसमें मीडिया के कारण किसी पीड़िता को न्याय मिला हो।
इस केस में भी स्थानीय अदालत ने संतोष कुमार सिंह को बरी कर दिया था लेकिन मीडिया के दबाव के चलते दिल्ली हाई कोर्ट ने स्थानीय अदालत के फैसल पर रोक लगाते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई।
माना जा रहा है कि किसी कोर्ट का यह पहला फैसला था जिसमें मीडिया के कारण किसी पीड़िता को न्याय मिला हो।
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