Sunday, July 22, 2018

श्रीनिम्बार्क वीथि-पथिक रसिक शिरोमणि कवि श्रीजयदेव संसेव्य ठाकुर श्रीराधामाधव प्रभु

"वृन्दावन कलानाथौ हृदयानन्द वर्द्धनौ।
सुखदौ राधिका कृष्णौ भजेsहं कुञ्ज गामिनौ।"

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