Saturday, August 18, 2018

कबीर के दोहे(अनुभव) ताको लक्षण को कहै, जाको अनुभव ज्ञान साध असाध ना देखिये, क्यों करि करुन बखान।

कबीर के दोहे(अनुभव)

ताको लक्षण को कहै, जाको अनुभव ज्ञान
साध असाध ना देखिये, क्यों करि करुन बखान।

अर्थ :
जिसे अनुभव का ज्ञान है उसके लक्षणों के बारे में क्या कहा जाय। वह साधु असाधु में भेद नहीं देखता है।
वह समदर्शी होता है। अतः उसका वर्णन क्या किया जाय

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