*किन साँसों का मैं एतबार करूँ जो अंत में मेरा साथ छोड जाऐंगी..!!*
✨✨🌹✨✨
*किस धन का मैं अंहकार करूँ जो अंत में मेरे प्राणों को बचा ही नहीं पाएगा..!!*
✨✨🌹✨✨
*किस तन पे मैं अंहकार करूँ जो अंत में मेरी आत्मा का बोझ भी नहीं उठा पाएगा..!!*
✨✨🌹✨✨
*भगवान की अदालत में वकालत नहीं होती...*
*और यदि सजा हो जाये तो जमानत नहीं होती....*
🙏🙏 जय श्री राम🙏🙏
✨✨🌹✨✨
*किस धन का मैं अंहकार करूँ जो अंत में मेरे प्राणों को बचा ही नहीं पाएगा..!!*
✨✨🌹✨✨
*किस तन पे मैं अंहकार करूँ जो अंत में मेरी आत्मा का बोझ भी नहीं उठा पाएगा..!!*
✨✨🌹✨✨
*भगवान की अदालत में वकालत नहीं होती...*
*और यदि सजा हो जाये तो जमानत नहीं होती....*
🙏🙏 जय श्री राम🙏🙏
No comments:
Post a Comment