*संसार में कोई व्यक्ति यदि हमें अच्छा कहे तो क्या हम अच्छे हो जाएंगे ???**.... *नहीं , ऐसा कभी नहीं होगा। अगर हम बुरे हैं तो बुरे ही रहेंगे। अगर हम अच्छे हैं तो अच्छे ही रहेंगे , भले ही पूरी दुनियां हमें बुरा कहे। लोग निंदा करे तो मन में आनंद आना चाहिए। हम पाप नहीं करते , किसी को दुःख नहीं देते , फिर भी हमारी निंदा होती है तो उसमें दुःख नहीं होना चाहिए , प्रत्युत प्रसन्नता होने चाहिए। भगवान के द्वारा जो होता है, सब मंगलमय ही होता है। इसलिए मन के विरुद्ध बात हो जाए तो उसमें आनंद मनाना चाहिए।*
*एक संत ने कहा था.....* *"" मेरी निंदा से यदि किसी को संतोष होता है , तो बिना प्रयत्न के ही मेरी उन पर कृपा हो गई , क्योंकि कल्याण चाहने वाले पुरुष तो दूसरों के संतोष के लिए अपने कष्टपूर्वक कमाए हुए धन का भी परित्याग कर देते हैं। मुझे तो कुछ करना ही नहीं पड़ा।""*
*एक संत ने कहा था.....* *"" मेरी निंदा से यदि किसी को संतोष होता है , तो बिना प्रयत्न के ही मेरी उन पर कृपा हो गई , क्योंकि कल्याण चाहने वाले पुरुष तो दूसरों के संतोष के लिए अपने कष्टपूर्वक कमाए हुए धन का भी परित्याग कर देते हैं। मुझे तो कुछ करना ही नहीं पड़ा।""*
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