Monday, August 27, 2018

प्रभु का नाम एक चुंबक के समान है,

*प्रभु का नाम एक चुंबक के समान है, जो आपके सभी पापों को खींच लेता है।‌। परंतु ये भी सत्य है कि जिन हृदयों पर कलुषिता, कपट और स्वार्थ रुपी जंग लग जाती है, वे हृदय कभी भी उस नाम रुपी चुंबक की तरफ आकृष्ट नहीं हो पाते हैं ।।*

     *जिस प्रकार एक ही समान विद्युत आवेश प्राप्त होने के बावजूद भी सभी यंत्रों की कार्यक्षमता एक न होकर अलग अलग  ही होती है।। उसी प्रकार सभी के लिए प्रभु नाम की एक समान शक्ति होने के बावजूद भी उसका प्रतिफल अलग अलग लोगों को उनकी योग्यता के आधार पर अलग अलग ही मिलता है।।*

      *जो हृदय जितनी मात्रा में छल - कपट रहित स्वच्छ रहेगा, वह हृदय उतना ही प्रभु नाम की तरफ  और आसानी से आकृष्ट हो सकेगा।। प्रभु के नाम में अपार आकर्षण व शक्ति है लेकिन वह हमारे हृदय को अपनी तरफ खींचें अथवा हमारा हृदय उसकी तरफ खिंचे, उसके लिए सतत सतसंग के आश्रय से कलुषिता रूपी जंग को हटाना ही होगा अन्यथा जंग लगे हृदय के लिए वह निस्प्रभावी ही साबित होगी ।।*


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