Sunday, August 26, 2018

सखी सावन को आनन्द निहार।। पियप्यारी कुंजन में बैठे,वापे तन मन वार देखत रूप पियप्यारी को,निज सुध दे बिसार सखी सावन को आनन्द निहार

सखी सावन को आनन्द  निहार।।
पियप्यारी कुंजन में बैठे,वापे तन मन वार
देखत रूप पियप्यारी को,निज सुध दे बिसार
 सखी सावन को  आनन्द निहार

युगल छवि नैनन में राखी, निरखो नित्य विहार
झूला झूले रसिकबिहारि,नित नव करत मनुहार
।।।
वृन्दावन आनन्द बरस्यो, बरसी रस फुहार
 पिय प्यारी की करुणा बरसी ,,ब्रजभूमि भई निहाल
सखी सावन को आनन्द निहार
🙏🙏राधे राधे जी🙏🙏

 बहुत ही खूबसूरत है
तेरे अहसास की खुशबू...
जितना भी सोचते है
उतना ही महक जाते है...
🙏जय जय श्री राधे जी🙏

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