Thursday, August 23, 2018

*समय निरंतर चलता रहता है। इसे न कोई रोक पाया है और न ही कोई रोक पायेगा



*समय निरंतर चलता रहता है। इसे न कोई रोक पाया है और न ही कोई रोक पायेगा इसलिए समय रहते आत्मज्ञान परम आवश्यक है अन्यथा घोर विनाश है। सिर्फ अपने शरीर को कष्ट देने से और किसी जंगल में अकेले में कठिन तपस्या करने से हमें आत्मआनंद की प्राप्ति नहीं होगी ।*
*हमें आत्मआनंद की प्राप्ति सिर्फ आत्मज्ञान के द्वारा प्राप्त हो सकती है। लम्बी यात्रा पर जाने से या कठिन व्रत रखने से हमें परम ज्ञान अथवा आत्मआनंद प्राप्त नहीं होगा।*
*चाहे हम योग, ज्ञान , भक्ति, ध्यान आदि की राह पर चलें या हम अपने सांसारिक उत्तरदायित्वों को पूर्ण करना ही बेहतर समझें, यदि हमने आत्मा और परमात्मा के एकत्व भाव को जान लिया तो हमें सदैव आत्मआनंद प्राप्त होगा कयोंकी एकमात्र परमात्मा ही आनंद है।*

 *जय श्री कृष्णा*

 *आज का दिन आपके लिए शुभ मंगलमय हो।*

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