आज की गीता प्रेरणा
एक व्यक्ति जो भीतर से तृप्त, संतुष्ट और आंनदित है वह किसी और के लिए परेशानी पैदा करने के बारे में कभी नहीं सोचागा। परंतु जो भीतर से अतृप्त, असंतुष्ट और उबाऊ किस्म का व्यक्ति है, वह स्वयं के साथ-साथ दूसरों के लिए भी सदैव परेशानी का ही कारण बनेगा। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को चाहिए कि वह आत्मिक संतुष्टि के भाव में रहना सीखे ताकि वह हर पल अपने और दूसरों के लिए सुख का कारण बन सके।
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