Thursday, July 26, 2018

क्या आप वही कर रहे हैं जो आपको करना चाहियें ?

क्या आप वही कर रहे हैं जो आपको करना चाहियें ?

बहुत समय पहले की बात है,एक राजा को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे भेंट किये । वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे,और राजा ने कभी इससे पहले इतने शानदार बाज नहीं देखे थे। राजा ने उनकी देखभाल केलिए एक अनुभवी आदमी कोनियुक्त कर दिया। जब कुछ महीनेबीत गए तो राजा ने बाजों को देखने कामन बनायाऔर उस जगहपहुँच गए जहाँ उन्हें पाला जा रहा था। राजा ने देखा कि दोनोंबाज काफी बड़ेहो चुके थे और अब पहले से भी शानदार लग रहे थे।

राजा ने बाजों की देखभाल कर रहेआदमी से कहा,“मैंइनकी उड़ान देखना चाहता हूँतुम इन्हे उड़नेका इशारा करो।“ आदमी ने ऐसा ही किया। इशारा मिलते ही दोनों बाज उड़ान भरने लगेपर जहाँ एक बाज आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा थावहीँ दूसराकुछ ऊपर जाकरवापस उसी डाल पर आकर बैठ गयाजिससे वो उड़ा था।

ये देखराजा को कुछअजीब लगा. क्या बात है जहाँ एक बाज इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा ?”, राजा ने सवालकिया।
“जी हुजूरइस बाज के साथशुरू से यही समस्या है,वो इस डाल को छोड़ता ही नहीं।

राजा को दोनों ही बाज प्रिय थेऔर वो दुसरेबाजको भी उसी तरह उड़ता देखना चाहते थे। अगले दिन पूरे राज्य में ऐलानकरा दिया गया कि जो व्यक्ति इस बाजको ऊँचा उड़ाने में कामयाब होगा उसे ढेरों इनाम दिया जाएगा। फिर क्या थाएक से एकविद्वान् आये और बाज कोउड़ाने का प्रयास करने लगेपर हफ़्तों बीतजाने के बाद भी बाज का वही हाल था,वोथोडा सा उड़ता और वापस डाल पर आकर बैठ जाता।
फिर एक दिन कुछ अनोखा हुआराजा ने देखाकि उसकेदोनों बाज आसमान में उड़ रहे हैं। उन्हें अपनी आँखों पर यकीन नहींहुआ और उन्होंनेतुरंत उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा जिसने ये कारनामा कर दिखायाथा। वह व्यक्ति एक किसान था। अगले दिन वह दरबार में हाजिर हुआ। उसे इनाम में स्वर्ण मुद्राएं भेंट करने के बाद राजा ने कहा,“मैं तुमसे बहुतप्रसन्न हूँबसतुम इतना बताओ कि जो काम बड़े-बड़े विद्वान् नहीं कर पाये वो तुमनेकैसे कर दिखाया।“

मालिक ! मैं तो एक साधारण सा किसान हूँ,मैंज्ञान की ज्यादा बातें नहीं जानता,मैंने तो बस वो डाल काट दी जिसपर बैठने काबाज आदि हो चुका थाऔर जब वो डालही नहीं रही तो वो भी अपने साथी के साथ ऊपर उड़नेलगा।“

दोस्तोंहम सभी ऊँचाउड़ने के लिए ही बने हैं।लेकिन कई बार हम जो कर रहे होते हैंउसके इतने आदि हो जाते हैं कि अपनी ऊँची उड़ानभरने कीकुछ बड़ा करनेकी काबिलियत को भूल जाते हैं। यदि आप भी सालों से किसी ऐसे ही काम में लगे हैं जहाँ आपको मालूम है या नहीं लगता की वहां से आपअपने और परिवार के सपने पुरे कर सकते हैं तो एक बार ज़रूरसोचिये कि कहींआपको भी उस डाल को काटने की ज़रुरत तो नहीं जिसपर आप बैठे हुए हैं ?
 

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