Monday, August 13, 2018

राधा नाम सुनते ही भगवान कृष्ण कोढ़ी के गले लग गए। एक व्यक्ति था जिसे कुष्ठ का रोग हो गया,अब वह अपने रोग से बड़ा परेशान रहता,किसी ने कहा तुम वृंदावन चले जाओ।



राधा नाम सुनते ही भगवान कृष्ण कोढ़ी के गले लग गए।
एक व्यक्ति था जिसे कुष्ठ का रोग हो गया,अब वह अपने रोग से बड़ा परेशान रहता,किसी ने कहा तुम वृंदावन चले जाओ।

अब वह व्यक्ति वृंदावन आ गया और सड़क के किनारे बैठा रहता, जो भी वहाँ से निकलता उसको कुछ न कुछ उपाय बताकर जाता,कोई कहता ये लगा,कोई कहता ये दवाई खा।

इस प्रकार सभी कहते परन्तु सब करने पर भी उसका रोग दूर नहीं होता,एक बार एक बड़े सरल बाबा वहाँ से निकले और उसकी दशा को देखकर बोले -

 तुम बैठे तो रहते ही हो अपने मुख से "श्री राधे राधे" कहा करो।

अब उस कोढ़ी ने ऐसा ही किया,"राधे राधे" कहने लगा,और जब उसके घाव में बड़ी वेदना होती थी तब और भी करुण स्वर में "हा राधे" , "हा राधे" कहता।

एक बार श्रीकृष्ण व्रज की गलियों में जा रहे थे जब उन्होंने उस कोढ़ी की आवाज सुनि जो दर्द में "राधे राधे" कह रहा था।

जब भगवान ने "राधे राधे" सुना तो तुरंत उस कोढ़ी की ओर भागे और उसके पास आकर उन्हें लगा जैसे राधा रानी जी ही खड़ी है।

भगवान कृष्ण जी ने उस कोढ़ी को गले से लगा लिया,और स्वयं भी "राधे राधे" ....कहने लगे।

पीछे से राधा रानी जी भी आ गई और बोले मै तो यहाँ खड़ी हूँ, आप किस को राधे राधे कह रहे हैं?

पर भगवान तो उसे ही कस कर पकड़कर "राधे राधे"कहते जा रहे थे।

जब बाद में कुछ होश आया तो देखा राधा जी तो पीछे खड़ी है,भगवान का स्पर्श मिलते ही उसका कोढ़ ठीक हो गया।

वह व्यक्ति भगवान के चरणों मे गिर पड़ा।
, प्रभु की कृपा से सब दुःख दूर हो जाते हैं, बस दिल से सिमरन करते रहें और भगवान पर विश्वास रखे।
       

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