Wednesday, August 8, 2018

*जीता रहा मै, अपनी धुन मे* *दुनिया का कायदा नही देखा...* *रिश्ता निभाया तो दिल से,* *कभी फायदा नही देखा।*

*जीता रहा मै, अपनी धुन मे*
*दुनिया का कायदा नही देखा...*
*रिश्ता निभाया तो दिल से,*
*कभी फायदा नही देखा।*
        *एक किताब  की तरह हूँ मैं...*
       *कितनी भी पुरानी हो जाए....*
    *पर उसके अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे...*
*कभी याद आये तो, पन्ने पलट कर देखना...*
*हम आज जैसे है, कल भी वैसे ही मिलेंगे...

 *लोग कहते हैं, पैसा रखो, बुरे वक्त में काम आयेगा...*
*हम कहते है अच्छे लोगों के साथ रहो, बुरा वक्त ही नहीं आयेगा..!!*

*ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,*
          *ग़म फुरसत में थे - ठहर गए...!*
*"लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है ....*
             *पहले मुड़ कर देखते थे ....*
 *अब देख कर मुड़ जाते हैं*
               *आज परछाई से पूछ ही लिया*
*क्यों चलती हो , मेरे साथ*
            *उसने भी हँसके कहा-*
*दूसरा कौन है तेरे साथ*

*हम तो खुशियाँ उधार देने का*
           *कारोबार करते हैं,साहब*!
*कोई वक़्त पे लौटाता नहीं*
           *इसीलिए घाटे में चल रहे हैं....*
                                                                                                                            *जिंदगी के सफर से बस इतना ही सबक सीखा है* ..
*सहारा कोई - कोई ही देता है धक्का देने को हर शख्स तैयार बैठा है*..

ॐ नमः शिवाय
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राम राम जी राम राम

No comments:

Post a Comment