*जीता रहा मै, अपनी धुन मे*
*दुनिया का कायदा नही देखा...*
*रिश्ता निभाया तो दिल से,*
*कभी फायदा नही देखा।*
*एक किताब की तरह हूँ मैं...*
*कितनी भी पुरानी हो जाए....*
*पर उसके अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे...*
*कभी याद आये तो, पन्ने पलट कर देखना...*
*हम आज जैसे है, कल भी वैसे ही मिलेंगे...
*लोग कहते हैं, पैसा रखो, बुरे वक्त में काम आयेगा...*
*हम कहते है अच्छे लोगों के साथ रहो, बुरा वक्त ही नहीं आयेगा..!!*
*ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,*
*ग़म फुरसत में थे - ठहर गए...!*
*"लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है ....*
*पहले मुड़ कर देखते थे ....*
*अब देख कर मुड़ जाते हैं*
*आज परछाई से पूछ ही लिया*
*क्यों चलती हो , मेरे साथ*
*उसने भी हँसके कहा-*
*दूसरा कौन है तेरे साथ*
*हम तो खुशियाँ उधार देने का*
*कारोबार करते हैं,साहब*!
*कोई वक़्त पे लौटाता नहीं*
*इसीलिए घाटे में चल रहे हैं....*
*जिंदगी के सफर से बस इतना ही सबक सीखा है* ..
*सहारा कोई - कोई ही देता है धक्का देने को हर शख्स तैयार बैठा है*..
ॐ नमः शिवाय
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राम राम जी राम राम
*दुनिया का कायदा नही देखा...*
*रिश्ता निभाया तो दिल से,*
*कभी फायदा नही देखा।*
*एक किताब की तरह हूँ मैं...*
*कितनी भी पुरानी हो जाए....*
*पर उसके अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे...*
*कभी याद आये तो, पन्ने पलट कर देखना...*
*हम आज जैसे है, कल भी वैसे ही मिलेंगे...
*लोग कहते हैं, पैसा रखो, बुरे वक्त में काम आयेगा...*
*हम कहते है अच्छे लोगों के साथ रहो, बुरा वक्त ही नहीं आयेगा..!!*
*ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं,*
*ग़म फुरसत में थे - ठहर गए...!*
*"लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है ....*
*पहले मुड़ कर देखते थे ....*
*अब देख कर मुड़ जाते हैं*
*आज परछाई से पूछ ही लिया*
*क्यों चलती हो , मेरे साथ*
*उसने भी हँसके कहा-*
*दूसरा कौन है तेरे साथ*
*हम तो खुशियाँ उधार देने का*
*कारोबार करते हैं,साहब*!
*कोई वक़्त पे लौटाता नहीं*
*इसीलिए घाटे में चल रहे हैं....*
*जिंदगी के सफर से बस इतना ही सबक सीखा है* ..
*सहारा कोई - कोई ही देता है धक्का देने को हर शख्स तैयार बैठा है*..
ॐ नमः शिवाय
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राम राम जी राम राम
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