Saturday, August 18, 2018

घर से जब भी बाहर जाये* *तो घर में विराजमान अपने प्रभु से जरूर मिलकर जाएं* *और*


 घर से जब भी बाहर जाये*
 *तो घर में विराजमान अपने प्रभु से जरूर मिलकर जाएं*
*और*
 *जब लौट कर आए तो उनसे जरूर मिले*
*क्योंकि*
 *उनको भी आपके घर लौटने का इंतजार रहता है*

"घर" में यह नियम बनाइए की जब भी आप घर से बाहर निकले तो घर में मंदिर के पास दो घड़ी खड़े रह कर "प्रभु चलिए..आपको साथ में रहना हैं"..!

ऐसा बोल कर ही निकले क्यूँकि आप भले ही *"लाखों की घड़ी" हाथ में क्यूँ ना पहने हो पर "समय" तो "प्रभु के ही हाथ" में हैं न*

          

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