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🙏🙏🙏
*❗प्रणाम❗
*महात्मा बुद्ध के व्यावहारिक उपदेश*
〰〰〰〰〰〰〰〰〰
👉 *"जो अपने को दमन नहीं कर सकता, वह दूसरों को वश में नहीं रख सकता ।"*
*👉मनुष्य को अन्य से सहायता नहीं मिल सकती, अपने ही किए से काम चलता है ।*
👉 *"मनुष्य को अपना कर्तव्य स्वयं पालना चाहिए ।"*
*👉पवित्रता और मलीनता मन की है । कौन किसको शुद्ध कर सकता है ।*
👉 *"मनुष्य को बिना कुछ पाए हुए भी आनंद से रहना चाहिए ।"*
*👉द्वेष के समान कोई हराने वाला पासा नहीं है ।*
*👉शरीर के समान कोई दुःख नहीं है ।*
*👉शान्ति के समान कोई सुख नहीं है ।*
*👉आरोग्य परम लाभ है ।*
*👉संतोष परम धन है ।*
*👉विश्वासी पुरुष ही परम बंधु है ।*
*👉निर्वाण ही परम सुख है ।*
*👉धर्मात्मा वही है, जो धर्म - अधर्म का निश्चय कर सके ।*
*👉वह पंडित नहीं, जो बहुत बोले ।*
*👉क्षमाशील, बैररहित और अभय पुरुष ही पंडित है ।*
*👉बाल पकने से कोई बड़ा नहीं होता ।*
*👉बड़ा वही है, जो सत्य, अहिंसा, संयम, दम आदि का अवलम्बन करे ।*
*👉सिर मुड़ाने से कोई श्रमण (संन्यासी ) नहीं होता, श्रमण वही है, जो पापरहित है ।*
*👉आलसी, समय पर न उठने वाले तथा निर्बल संकल्प वाले को प्रज्ञा (ज्ञान) की प्राप्ति कभी नहीं होती ।*
*👉शुद्धि के लिए तीन मार्ग हैं - काया, वाणी और मन की रक्षा करना ।*
*👉ध्यान से ज्ञान होता है, बिना ध्यान के ज्ञान नहीं हो सकता ।*
*👉एक भी भ्रम शेष न रहे, तभी निर्वाण होगा ।*
*🙏🙏🙏सुप्रभात🙏🙏🙏*
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*❗प्रणाम❗
*महात्मा बुद्ध के व्यावहारिक उपदेश*
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👉 *"जो अपने को दमन नहीं कर सकता, वह दूसरों को वश में नहीं रख सकता ।"*
*👉मनुष्य को अन्य से सहायता नहीं मिल सकती, अपने ही किए से काम चलता है ।*
👉 *"मनुष्य को अपना कर्तव्य स्वयं पालना चाहिए ।"*
*👉पवित्रता और मलीनता मन की है । कौन किसको शुद्ध कर सकता है ।*
👉 *"मनुष्य को बिना कुछ पाए हुए भी आनंद से रहना चाहिए ।"*
*👉द्वेष के समान कोई हराने वाला पासा नहीं है ।*
*👉शरीर के समान कोई दुःख नहीं है ।*
*👉शान्ति के समान कोई सुख नहीं है ।*
*👉आरोग्य परम लाभ है ।*
*👉संतोष परम धन है ।*
*👉विश्वासी पुरुष ही परम बंधु है ।*
*👉निर्वाण ही परम सुख है ।*
*👉धर्मात्मा वही है, जो धर्म - अधर्म का निश्चय कर सके ।*
*👉वह पंडित नहीं, जो बहुत बोले ।*
*👉क्षमाशील, बैररहित और अभय पुरुष ही पंडित है ।*
*👉बाल पकने से कोई बड़ा नहीं होता ।*
*👉बड़ा वही है, जो सत्य, अहिंसा, संयम, दम आदि का अवलम्बन करे ।*
*👉सिर मुड़ाने से कोई श्रमण (संन्यासी ) नहीं होता, श्रमण वही है, जो पापरहित है ।*
*👉आलसी, समय पर न उठने वाले तथा निर्बल संकल्प वाले को प्रज्ञा (ज्ञान) की प्राप्ति कभी नहीं होती ।*
*👉शुद्धि के लिए तीन मार्ग हैं - काया, वाणी और मन की रक्षा करना ।*
*👉ध्यान से ज्ञान होता है, बिना ध्यान के ज्ञान नहीं हो सकता ।*
*👉एक भी भ्रम शेष न रहे, तभी निर्वाण होगा ।*
*🙏🙏🙏सुप्रभात🙏🙏🙏*
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