Saturday, August 4, 2018

चलो री सहेली सब मिल आज बृंदाबन , बाढ़त उमंग सुन मोरन के शोरे में !



चलो री सहेली सब मिल आज बृंदाबन ,
बाढ़त  उमंग   सुन  मोरन  के  शोरे  में !

शीतल समीर  मन्द चलत सुगन्ध लिए ,
छोटी छोटी बून्द  या झरत चहु ओरे में ।

लाल  बलबीर सजों  चीर  नब रंग अंग ,
केसरी  कुसुम  रंग  धारो कुच कोरे में ।

कीर्ति किशोरी बृषभानु की दुलारी राधे,
आजु  बनबारी  संग  झूलत  हिंडोरे में ।

         🌹जय जय श्री राधे🌹

No comments:

Post a Comment