🌻सुंदर पंक्ति 🌻
झाँक रहे है इधर उधर सब।
अपने अंदर झांकें कौन ?
ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां ।
अपने मन में ताके कौन ?
दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते ।
खुद को आज सुधारे कौन ?
पर उपदेश कुशल बहु तेरे ।
खुद पर आज विचारे कौन ?
हम सुधरें तो जग सुधरेगा
यह सीधी बात स्वीकारे कौन?"
*जिस प्रकार आकाश*
*से गिरा हुआ जल*
*किसी न किसी रास्ते से*
*होकर समुद्र में पहुँच ही जाता है*
*उसी प्रकार निःस्वार्थ भाव से*
*की गई किसी की सेवा और*
*प्रार्थना किसी न किसी रास्ते से*
*ईश्वर तक पहुँच ही जाती हैं*
🌱🌿 *आपका दिन शुभ हो...*🌿🌱
किसी आसमान से ना अदा होगी,*
*ना किसी बादशाह की दौलत पे फिदा होगी...*
*रेहमत सिर्फ उन्हीं पे बरसती है,*
*जिनके दामन में बुजुर्गों की दुआ होगी...
*सुप्रभातम*
*निकट जाने पर कुछ चीजें बगैर मांगे मिल जाती है,*
*जैसे -*
*बर्फ के पास जाने पर शीतलता,*
*अग्नि के पास जाने पर गरमाहट और फूल के पास जाने पर सुगंध।*
*तो फिर.........*
*भगवान् से माँगने की क्या जरूरत है, बस आप तो केवल उनसे निकटता बनाइये, सब कुछ बिन माँगे मिलना शुरू हो जायेगा?*
*आप का हर दिन शुभ हो*
सुबह की अरदास .
*ऐ मेरे मलिक !!!*
*आशीर्वाद की वर्षा करते रहो l*
*खाली झोलियां सबकी भरते रहो l*
*तेरे चरणों में सर को झुका ही दिया हैं l*
*गुनाहों की माफ़ी ऒर दुःखों को दूर करते रहो ll*
झाँक रहे है इधर उधर सब।
अपने अंदर झांकें कौन ?
ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां ।
अपने मन में ताके कौन ?
दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते ।
खुद को आज सुधारे कौन ?
पर उपदेश कुशल बहु तेरे ।
खुद पर आज विचारे कौन ?
हम सुधरें तो जग सुधरेगा
यह सीधी बात स्वीकारे कौन?"
*जिस प्रकार आकाश*
*से गिरा हुआ जल*
*किसी न किसी रास्ते से*
*होकर समुद्र में पहुँच ही जाता है*
*उसी प्रकार निःस्वार्थ भाव से*
*की गई किसी की सेवा और*
*प्रार्थना किसी न किसी रास्ते से*
*ईश्वर तक पहुँच ही जाती हैं*
🌱🌿 *आपका दिन शुभ हो...*🌿🌱
किसी आसमान से ना अदा होगी,*
*ना किसी बादशाह की दौलत पे फिदा होगी...*
*रेहमत सिर्फ उन्हीं पे बरसती है,*
*जिनके दामन में बुजुर्गों की दुआ होगी...
*सुप्रभातम*
*निकट जाने पर कुछ चीजें बगैर मांगे मिल जाती है,*
*जैसे -*
*बर्फ के पास जाने पर शीतलता,*
*अग्नि के पास जाने पर गरमाहट और फूल के पास जाने पर सुगंध।*
*तो फिर.........*
*भगवान् से माँगने की क्या जरूरत है, बस आप तो केवल उनसे निकटता बनाइये, सब कुछ बिन माँगे मिलना शुरू हो जायेगा?*
*आप का हर दिन शुभ हो*
सुबह की अरदास .
*ऐ मेरे मलिक !!!*
*आशीर्वाद की वर्षा करते रहो l*
*खाली झोलियां सबकी भरते रहो l*
*तेरे चरणों में सर को झुका ही दिया हैं l*
*गुनाहों की माफ़ी ऒर दुःखों को दूर करते रहो ll*
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