Monday, August 13, 2018

झाँक रहे है इधर उधर सब। अपने अंदर झांकें कौन ? ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां । अपने मन में ताके कौन ? दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते । खुद को आज सुधारे कौन ? पर उपदेश कुशल बहु तेरे । खुद पर आज विचारे कौन ? हम सुधरें तो जग सुधरेगा यह सीधी बात स्वीकारे कौन?"

🌻सुंदर पंक्ति 🌻
       
         झाँक रहे है इधर उधर सब।
              अपने अंदर झांकें  कौन ?
        ढ़ूंढ़ रहे दुनियाँ  में कमियां ।
             अपने मन में ताके कौन ?
       दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते ।
            खुद को आज सुधारे कौन ?
       पर उपदेश कुशल बहु तेरे ।
            खुद पर आज विचारे कौन ?
       हम सुधरें तो जग सुधरेगा
         यह सीधी बात स्वीकारे कौन?"
                     


            *जिस प्रकार आकाश*
              *से गिरा हुआ जल*
          *किसी न किसी रास्ते से*
     *होकर समुद्र में पहुँच ही जाता है*
       *उसी प्रकार निःस्वार्थ भाव से*
       *की गई किसी की सेवा और*
     *प्रार्थना  किसी न किसी रास्ते  से*
        *ईश्वर तक पहुँच ही जाती हैं*

     🌱🌿 *आपका दिन शुभ हो...*🌿🌱

 किसी आसमान से ना अदा होगी,*
         *ना किसी बादशाह की दौलत पे फिदा होगी...*

*रेहमत सिर्फ  उन्हीं पे बरसती है,*
        *जिनके दामन में बुजुर्गों की दुआ होगी...

*सुप्रभातम*

*निकट जाने पर कुछ चीजें बगैर मांगे मिल जाती है,*
*जैसे -* 
*बर्फ के पास जाने पर शीतलता,*
*अग्नि के पास जाने पर गरमाहट और फूल के पास जाने पर सुगंध।*
*तो फिर.........*
*भगवान् से माँगने की क्या जरूरत है, बस आप तो केवल उनसे निकटता बनाइये, सब कुछ बिन माँगे मिलना शुरू हो जायेगा?*

*आप का हर दिन शुभ हो*

सुबह की अरदास .

*ऐ मेरे मलिक !!!*
*आशीर्वाद की वर्षा करते रहो l*
*खाली झोलियां सबकी भरते रहो l*
*तेरे चरणों में सर को झुका ही दिया  हैं l*
*गुनाहों की माफ़ी ऒर दुःखों को दूर करते रहो ll*
    

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