*कौआ किसी का धन नहीं चुराता*
*फिर भी लोगो को वह प्रिय नहीं है*
*कोयल किसी को धन नहीं देती*
*फिर भी लोगो को वह प्रिय है*
*फर्क सिर्फ मीठी बोली का है*
*जिससे सब अपने बन जाते है*
*आँखे बंद करने से..*
*मुसीबत नहीं टलती .!*
*और .*
*मुसीबत आए बिना ..*
*आँखे नहीं खुलती...*
*छल* *में बेशक* *बल* है
*लेकिन*
*प्रेम * में आज भी *हल* है..
*माना कठिनाई आने से आदमी अकेला हो जाता है,*
*पर कठिनाई आने पर ही अकेला व्यक्ति मजबूत होना सिख जाता है!!*
_*कभी टूटते हैं,*_
_*तो कभी बिखरते हैं…*_
_*विपत्तियों में इन्सान,*_
_*ज्यादा निखरते हैं…*_
*फिर भी लोगो को वह प्रिय नहीं है*
*कोयल किसी को धन नहीं देती*
*फिर भी लोगो को वह प्रिय है*
*फर्क सिर्फ मीठी बोली का है*
*जिससे सब अपने बन जाते है*
*आँखे बंद करने से..*
*मुसीबत नहीं टलती .!*
*और .*
*मुसीबत आए बिना ..*
*आँखे नहीं खुलती...*
*छल* *में बेशक* *बल* है
*लेकिन*
*प्रेम * में आज भी *हल* है..
*माना कठिनाई आने से आदमी अकेला हो जाता है,*
*पर कठिनाई आने पर ही अकेला व्यक्ति मजबूत होना सिख जाता है!!*
_*कभी टूटते हैं,*_
_*तो कभी बिखरते हैं…*_
_*विपत्तियों में इन्सान,*_
_*ज्यादा निखरते हैं…*_
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